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हममे विचार उत्पन्न हो, इन विचारों का हम जीवन में उपयोग करे, यदि नकारात्मक विचार है उसका शमन करने की शक्ति हमें दे. सकारात्मक विचारों का प्रवाह चारो दिशा में बहे, कोन अपना है कोन पराया है यह भेद मिटाए, इसका उस को न कहे, निंदा भी सकारात्मक हो यही प्रयास हो, कोई दुश्मन हमारी वाणी से पैदा न हो, सबको अपना समझे, किसी का बुरा न सोचे, कोई बुरा सोचता है सोचे उसके तरफ हमारा ध्यान ना जाये, लक्ष्मी के कारण कभी क्लेश परिवार में न हो, लक्ष्मी चंचल है, उससे बढकर उनका वाहक अति शक्तिमान है, जीवन में वाहक ही शक्तिमान होता है, जो जहा चाहे वही ले जाता है, पूरा पता बताने के बाद भी गलत जगह ले जाता है, क्योकि यह भगवान कृष्ण जैसा सारथी नहीं ? सारथी सोचता है उसे कहा ले जाना है, सारथी ही हमेंशा शास्वत है, उस पर ही हमारा जीवन निर्भर है, सारथी वही है जो हमें राह दिखाता है, माँ –बाप भाई, बहन और पति पत्नी यही हमारे सारथी है, यही भगवान कृष्ण के रूप में हमारे जीवन में आते है ? माँ लक्ष्मी हम अपने सारथी को कभी भूले नहीं, हमें मालूम है कि यदि इनको हम नहीं भूलेंगे तो आप हमारे पास आप नहीं रहोगी, यही सत्य है क्योंकि माँ लक्ष्मी ने कभी अपने सारथी को नहीं भुला है , अर्जुन का सारथी आज भी प्रासंगिक है, भगवान राम का हनुमान आज भी पूजनीय है, माँ लक्ष्मी यही शक्ति दे कि हम उन को भी ना भूले जिन्होंने जरा सा भी उपकार हम पर किया है, माँ यह सब नहीं भूलने से आप हमारे घर में हमेशा रहोगी यह सनातन सत्य है, माँ आप हमेशा सब मेरे मित्रों के यहाँ रहो ऐसा वातावरण आपको ही बनाना है. माँ ऐसा करो और चिरकाल तक रहो यही कामना है.मत भूलो दीप भी हम सबका सारथी है, यही लक्ष्मी की राह दिखाता है, साल पर इसे पूजो राह आपने आप आपके पास आएगी.
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