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आदिकाल से सोने के अनेक कद्र दान है। आज भी स्थिति भिन्न नहीं है। हर महिला सोने के पीछे दीवानी है। पता नहीं ऐसा क्यों होता है। यह सत्य है इसीलिए इसकी हर कोई कद्र कर रहा है। खरीद कर क्या कर रहे है ? घर में उनका स्त्री धन ही है। हर घर में इसका छोटा मोटा बैंक होने के बाद भी बैंक के पीछे घूम रहे है ? महिला किसी भी स्थिति में इसे खोना नहीं चाहती हर किमंत पर वह इसके पास रहता है ? भले ही परिवार इसके विरुद्ध कितनी भी राशी क्यों न गवा दे। यह धन ही उसकी सुरक्षा है ? पति की तुलना में सोना जादा सुरक्षित है, कही न कही अविश्वास की भावना है ? सोने ही विश्वास है। आज के युग में यह मानना कहा तक उचित है ? मेरे विचार से यह सही नहीं है। इसके कारण वह दर्द सहन करती है। सोने की गले की चेन झपटने वाले भले गला कांट दे , यह मंजूर है, काटने का दर्द भी सहन कर लेती है, किन्तु बेचने के नाम पर महिला कभी भी तैयार नहीं होती। अनेक प्रयास करो तब भी यह यह संभव नहीं है। गिरवी रखने की इजाजत भी यह नहीं देती है। कलह क्यों हो ? इसीलिए जैसी भी दशा है, व्यक्ति इसे हाथ भी नहीं लगाता है। जिस भी किमंत हो ,परिवार की लाज रखता है। इसके बदले कितना नुकसान सहन करता है किन्तु लक्ष्मी को कभी रुष्ट नहीं करता। पढ़े लिखे तो अपनी कठिन दशा में भी इसका जिक्र महिला से नहीं करते । एक दुसरे से सात जन्मो का साथ निभाने वालो का मन भेद सोने के कारण ही होता है । बात तलाक तक पहुच जाती है। महिला तलाक सहन करने को राजी है, सोने को छोड़ने के कतई तैयार नहीं। पढ़ी लिखी महिला भी यही आचरण करती है। क्या कहा जाये समझ के परे है। कुछ महिलाये अलग होती है, जो परिवार के लिए इस धन को छोड़ने को हमेशा तैयार रहती है, रावण की पत्नी मन्दोदरी सोने की लंका की स्वामिनी होने के बाद भी आज भी प्रात: स्मरणीय है, वही सीता सोने के मृग के लिए हठ करती है। परिणाम हम जानते है, राम को रावण का वध करने की कथा ही रामायण है। इस रामायण से परिचित होने के बाद भी क्यों सोने से इतना मोह है ? शायद यही इनकी सुरक्षा है? हर कोई सुरक्षित रहना चाहता है। आज की महिलाये आर्थिक रूप से पुर्णतः सुरक्षित होने के बाद भी सोने से मोह नहीं छुटा पा रही है। यही वह कारण है जो सोने के अहम् को बढा रही है ? किसी ज़माने में 250/- तोला आज तीस हज़ार के पार है। इसीका का उद्योग महिला करे तो जितना उनके पास है उससे कई गुना सुरक्षित हो सकती है। सोना खरीदने के बाद हमेशा के इसके लिए दरवाजे बंद करना ही क्या सोने की किमंत नहीं बढ़ा रहा है? महिलाओ को इसे बहार निकालकर उसका व्यापार करने से ही इस सोने का अहम् कम होगा ? लक्ष्मी कभी एक स्थान पर नहीं रहती वह चंचल है , क्या यह मर्म भी महिलाये नहीं समझ रही है ? विचारणीय प्रश्न है ? हर कोई इस प्रश्न पर विचार तो करता है किन्तु समाधान नहीं मिलता ?
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