Menu
blogid : 13121 postid : 149

आगे क्या होने की सम्भावना है ———————–

विचारों का संसार
विचारों का संसार
  • 160 Posts
  • 31 Comments

आगे क्या होने की सम्भावना है ———————– क्या कुछ महीनो बाद होने वाले महा चुनाव मे प्रदेश मे फिर से बीजेपी अपना परचम लहराएगी ? कहना कठिन है । पहले जैसा खुला मैदान नहीं है। अनेकों योद्ध्या इस मैदान मे है। हर अपनी कलाकारी का ट्रायल कर रहा है। वर्तमान मे नायक भूरिया जी है। जो चाहे कर रहे है। यह ट्रायल नहीं हो सकता सोची समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। किसके मन मे क्या है कोई नहीं जान सकता, किन्तु यह भी सत्य है कि बीजेपी इस युद्धय को जितना समझ रही है उतना आसान नहीं है। विन्ध्य प्रदेश में बी.एस.पी. ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। १० सीटों पर कब्ज़ा ज़माने की ताकत को बनाये रखना चाहती है। सागर के आस पास की सीटों पर अपना जोर दिखा रही है। उमा भारती को अपना करिश्मा दिखाना होगा। यदि कमलनाथ महाकोशल में सक्रीय हो गये ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथो कमान चली गयी तब प्रदेश में कांग्रेस को आने से कोई नहीं रोक सकता। अनेक प्रतिष्ठित जनो से विमर्श के बाद यह निष्कर्ष है। बीजेपी ने अपने किये गये कार्यों की पहिचान तो बनायीं है किन्तु कितने लाभान्वित हुए इसका आंकलन नहीं किया है। इनकी हर योजना में अनेको कमिया है। बिना ब्याज के काश्तकारों को कर्ज देने वाली योजना का कही क्रियान्वयन नहीं हुआ है। ५० हज़ार के बीज ओर खाद के माध्यम से दिये जा रहे है। वही राष्ट्रीयकृत बैंक ६ परसेंट पर कर्ज दे रही है। ये बैंक जमीन गिरवी रखकर कर्ज दे रही है। यदि समय आगे क्या होने की सम्भावना है ———————– क्या कुछ महीनो बाद होने वाले महा चुनाव मे प्रदेश मे फिर से बीजेपी अपना परचम लहराएगी ? कहना कठिन है । पहले जैसा खुला मैदान नहीं है। अनेकों योद्ध्या इस मैदान मे है। हर अपनी कलाकारी का ट्रायल कर रहा है। वर्तमान मे नायक भूरिया जी है। जो चाहे कर रहे है। यह ट्रायल नहीं हो सकता सोची समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। किसके मन मे क्या है कोई नहीं जान सकता, किन्तु यह भी सत्य है कि बीजेपी इस युद्धय को जितना समझ रही है उतना आसान नहीं है। विन्ध्य प्रदेश में बी.एस.पी. ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। १० सीटों पर कब्ज़ा ज़माने की ताकत को बनाये रखना चाहती है। सागर के आस पास की सीटों पर अपना जोर दिखा रही है। उमा भारती को अपना करिश्मा दिखाना होगा। यदि कमलनाथ महाकोशल में सक्रीय हो गये ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथो कमान चली गयी तब प्रदेश में कांग्रेस को आने से कोई नहीं रोक सकता। अनेक प्रतिष्ठित जनो से विमर्श के बाद यह निष्कर्ष है। बीजेपी ने अपने किये गये कार्यों की पहिचान तो बनायीं है किन्तु कितने लाभान्वित हुए इसका आंकलन नहीं किया है। इनकी हर योजना में अनेको कमिया है। बिना ब्याज के काश्तकारों को कर्ज देने वाली योजना का कही क्रियान्वयन नहीं हुआ है। ५० हज़ार के बीज ओर खाद के माध्यम से दिये जा रहे है। वही राष्ट्रीयकृत बैंक ६ परसेंट पर कर्ज दे रही है। ये बैंक जमीन गिरवी रखकर कर्ज दे रही है। यदि समय पर इन बैंको का पैसा नहीं चुकाया गया तब जमीन के नीलाम होने के समय काश्तकारों की मौत तय है। यह चुनाव के समय ही होना है। प्रदेश सरकार की ऐसी कोई नियत नहीं है फिर भी इस नाजुक समय में नीति को नहीं लोग क्रिया को देखते है। इसीकारण फिर से परचम लहराएंगे इसका डर है। सरकार पंचायते कर अपनी पीठ अपने हाथ से थपथपा रही है। जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। मामा कही दूर चले गये है। भाषण को सुनते सुनते लोग बोर हो गये है। कृति ओर भाष्य में बुद्धिजीवी जबरदस्त अंतर देख रहे है? पार्टी के ही विद्रोही आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के नजीर को ले कर सरकार को कोर्ट में खिचने की तैयारी कर रहे है। यह सब येन चुनाव के समय ही होना तय है। लोग भाषण ओर घोषणाओ से उब गये है। आज का युवा सबके के साथ चलने वाला मुख्य मंत्री चाहता है। पर इन बैंको का पैसा नहीं चुकाया गया तब जमीन के नीलाम होने के समय काश्तकारों की मौत तय है। यह चुनाव के समय ही होना है। प्रदेश सरकार की ऐसी कोई नियत नहीं है फिर भी इस नाजुक समय में नीति को नहीं लोग क्रिया को देखते है। इसीकारण फिर से परचम लहराएंगे इसका डर है। सरकार पंचायते कर अपनी पीठ अपने हाथ से थपथपा रही है। जमीनी हकीकत से बहुत दूर है। मामा कही दूर चले गये है। भाषण को सुनते सुनते लोग बोर हो गये है। कृति ओर भाष्य में बुद्धिजीवी जबरदस्त अंतर देख रहे है? पार्टी के ही विद्रोही आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के नजीर को ले कर सरकार को कोर्ट में खिचने की तैयारी कर रहे है। यह सब येन चुनाव के समय ही होना तय है। लोग भाषण ओर घोषणाओ से उब गये है। आज का युवा सबके के साथ चलने वाला मुख्य मंत्री चाहता है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply