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एक नये युग की शुरुवात ————–

विचारों का संसार
विचारों का संसार
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एक नये युग की शुरुवात
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पहले छोटे बच्चो को दाड़ीवाले बाबा का डर दिखाया जाता था, ताकि वे अपना बाल सुलभ कार्यक्रम बंद कर दे । छोटे बच्चे इन दाढ़िवाले वाले बाबा से इतना डरे होते है कि जीवन मे ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहते है। कालांतर मे छोटे बच्चो को गब्बर के आने का डर दिखाये जाने लगा। कहते है गब्बर के नाम सुनते ही बच्चे सो जाते है। बच्चो को चुप करने की रामबाण औषधि उनकी माताओ को मिल गयी , जब कभी बच्चे जिद करते तब गब्बर का नाम ले लो,बच्चे को यही संस्कार मिला है इसीलिए आज के पोते पोतिया इनसे जीवन भर डरते रहते है। कोई दाढ़ी वाले बाबा से डरता है तो कोई गब्बर से ? जीजामाता ने शिवाजी को ऐसा कोई डर नहीं दिखाया इसीकारन वे वीर शिवाजी बने। जीजामाता के लिए शिवाजी का संगोपन ही एक कार्य था। आज की माताओ के पास अनेकों कार्य रहते है इसीलिए उनकी जिद पूरी नहीं कर सकती यह वह कारण है कि उन्हे डराया जाता है। यह डराए जाने का कार्यक्रम ही उनको कायर बनाता है। बच्चे छोटे होते है.इस खेलने कूदने के दिनो मे डर उनके दिलो दिमाग पर चड़ जाता है। यह डर उनके जीवन भर उनके साथ रहता है। यही डर उन्हे आगे बढ्ने के लिए अवरोध उत्पन्न करता है। कभी कभी ये माये उसकी दादा दादियो का डर दिखा देती है। यदि जादा जिद्द करोगी तब दादा डाट देंगे। छोटा बच्चा होता है वे यह नहीं समझ पाते कि जो दादा या दादी आज तक हमे बड़े प्रेम से खिला रहे होते है वे आज डर के कारण क्यो बन गए। छोटा सा मुह कर चुप बैठ जाते है.उनके कोमल मन मे इन पीतमहो के प्रति भी वितृष्णा कही तो भी घर कर बैठती है। एक दो साल के बेटो मे जो संस्कार दिये जाते वे जन्म भर साथ देते है। दादा दादियो से दूर करने का सीधा अर्थ यही होता है कि संयुक्त परिवार से दूर रहे । इसी लिए आज ऐसे परिवार की संख्या घट रही है और दादा दादी वृद्धाश्रम मे जा रहे है। मेरे विचार से छोटे बच्चो के मन मे किसी प्रकार का भी डर अपने क्षणिक शांति के लिए नही पैदा करना चाहिए। बिना डर का बेटा ही शिवाजी बनता है और बिना डर की बेटी लक्ष्मी बाई के रूप मे सामने आती है। आज कोमल मन के संस्कार के कारण ही कोई व्यक्ति निडर नहीं है। किसी न किसी कारण से डर से उनके साथ है। इसीलिए कहते है, बुराईयो का इजाफा नही हुआ वरन बुराईयो को सहन करने के कारण ये डर और बुराईया आज दीख रही है। अनेकों नवजवान बिना डर के कारण ही डर से ग्रसित है। एक बार कोई लड़की निडर होकर ललकार दे कोई गलत काम उसके साथ नहीं होगा । कोमल मन मे पैदा किए डर ही ये बेटियाँ आज ग्रसित है। उनके संस्कारो मे डर दिया गया है। ऐसी माता न कभी शिवाजी और न लक्ष्मी बाई पैदा कर सकती है। ये माताए निडर थी इसीलिए निडर बच्चो को जन्म दिया है । यही विडंबना देश को कायर बना रही है।

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